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प्रेरणादायक कहानियां

थोड़ी देर बाद पौदनिया ऊंचे स्वर में बोला – “आइये पौदनिया! क्या आदेश है |”

राजा ने सोचा कि पौदनिया आ गया है | वह सावधान हो गया | अब पौदनिया आवाज बदलकर बोला – ” तुम्हारे राजा के क्या हाल-चाल हैं | मैंने सुना है, कि वह मुझे पकड़ने की कोशिश कर रहा है | लेकिन मैं उसके हाथ तभी आ सकता हूं, जब यह हवा हाथ आ जाए |”

राजा गुस्से में भड़क गया | वह गरज कर बोला – ” नीच! मैं तुझे अभी बताता हूं | पलक झपकते ही पौदनिया ने रुई के पुतले को पानी में फेंक दिया | राजा ने समझा कि चोर पानी में कूद गया है | इसलिए वह भी पानी में कूद गया | और तेजी से तैरने लगा अंत में उसने उसे पकड़ ही लिया | पुतले को देखकर राजा शर्म से पानी-पानी हो गया |

दूसरे दिन उसने घोषणा की ” अगर कोई भी पौदनिया को पकड़ कर ला सकता है, तो मैं उसे अपना आधा राज्य दे दूंगा |”

पौदनिया नौकर के वेश में राजा के सामने पहुंचा | उसने कहा कि ” अगर उसके गुनाह माफ कर दिए जाएं | तो वह पौदनिया को पकड़ कर ला सकता है |” पहले राजा को यकीन ही नहीं आया; किंतु बाद में उसने उसे आज्ञा दे दी तथा माफीनामा लिख दिया |

माफीनामा मिलते ही पौदनिया ने सवयं को पेश कर दिया तथा सभी प्रमाण भी दे दिए | सिपाहियों तथा प्रधानमंत्रियों के कपड़े और राजा का घोड़ा | राजा उसकी चतुराई से बहुत प्रसन्न हुआ | उसने उसे आधा राज्य देना चाहा; किंतु उसने लिया नहीं! तब राजा ने पौदनिया को अपना विशेष सलाहकार बना दिया | चतुर पौदनिया की सलाह पर चलकर राजा तथा उसके राज्य की खूब उन्नति हुई |

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